ब्रेकिंग न्यूज़: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से उठा तूफान, साहसी रिपोर्टर ने कभी कोबरा कमांडर को नक्सलियों से बचाया था

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में भ्रष्टाचार और नक्सलवाद के खिलाफ अपनी निर्भीक रिपोर्टिंग के लिए विख्यात पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

मुकेश वही पत्रकार हैं, जिन्होंने कभी नक्सलियों द्वारा अपहृत कोबरा बटालियन के कमांडर को उनकी चंगुल से सुरक्षित छुड़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

नक्सली अपहरण और मुकेश का साहस

घटना के दौरान, नक्सलियों ने कोबरा बटालियन के एक वरिष्ठ कमांडर का अपहरण कर लिया था। उस समय तनावपूर्ण माहौल में मुकेश ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए नक्सलियों से संवाद किया। उनके कौशल और साहसिक प्रयासों के चलते कमांडर को सुरक्षित रिहा किया गया।

हत्या का मामला

मुकेश चंद्राकर, जो बीजापुर में एक खोजी पत्रकार के रूप में कार्यरत थे, 1 जनवरी 2025 को लापता हो गए। 3 जनवरी को उनका शव बीजापुर जिले के ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की संपत्ति में स्थित एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि उनके चचेरे भाई रितेश चंद्राकर ने दो अन्य लोगों, दिनेश और महेंद्र के साथ मिलकर उनकी हत्या की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर मुख्य आरोपी के घर पर बुलडोजर कार्रवाई की गई है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई

मुकेश ने हाल ही में 50 करोड़ से बढ़कर 120 करोड़ की सड़क परियोजना में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। उनकी रिपोर्ट ने कई प्रभावशाली लोगों को कटघरे में खड़ा कर दिया था। माना जा रहा है कि इसी के कारण उनकी हत्या की गई।

समाज का गुस्सा और न्याय की मांग

मुकेश की हत्या ने पूरे पत्रकार समुदाय को झकझोर दिया है। उनके साहस और बलिदान को याद करते हुए लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने चार सप्ताह के भीतर मामले की जांच पूरी करने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया है।

मुकेश की विरासत

मुकेश चंद्राकर का साहस और सत्य के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें अमर बनाती है। उनकी कहानी समाज के हर नागरिक को निडर और ईमानदार रहने की प्रेरणा देती रहेगी।

“मुकेश चंद्राकर की हत्या का रहस्य भले सुलझ जाए, लेकिन उनके जैसे साहसी पत्रकार हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेंगे।”

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